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हरितालिका तीज व्रत व चौथी चाँद व्रतधारी करे मंगलवार को करे व्रत 

  • मंगलवार को सुबह से दोपहर 02 बजकर 40 मिनट रहेगी हरितालिका तीज व्रत का शुभमुहूर्त ।

न्यूज4बिहार/सोनपुर:भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को सुहागिन महिलाएं व कुंवारी कन्या हरतालिका तीज का व्रत मंगलवार को रखेंगी। यह व्रत और इसकी पूजा करना बहुत ही कठिन माना जाता है। सुहागिन महिलाएं अपने पति और परिवार की सेहत और दीर्घायु के लिए यह व्रत रखती हैं।

कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की कामना के लिए यह व्रत रखती हैं। हरिहरनाथ मंदिर के मुख्य अर्चक सुशील चंद्र शाश्त्री ने पंचांगों को देख कर बताया कि मिथिला पंचांग के अनुसार तृतीया तिथि 29 अगस्त दिन सोमवार को दोपहर 02 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 30 अगस्त मंगलवार को दोपहर 02 बजकर 40 मिनट रहेगी।

हरतालिका तीज के पूजन सामग्री में शिव, पार्वती और श्रीगणेशजी की मिट्टी की मूर्ति, पीला वस्त्र, दही, शहद, दूध, धतूरा, शमी के पत्ते, केले का पत्ता, जनेऊ, सुपारी, रोली, कलश, बेलपत्र, दूर्वा, अक्षत, घी, कपूर, गंगाजल, फुलहारा,ऋतुफल और 16 श्रृंगार का सामान मुख्य होता है।सभी सृंगार के समान को डलिया में रखकर इस दिन व्रत करने वाली महिलाएं सूर्योदय से पूर्व ही उठ कर, नहा कर पूरा श्रृंगार करती हैं। इसके एक दिन पूर्व नहाखाय होता है जिसमे व्रतधारी नहाकर बिना लहसुन,व्याज व शुद्ध शाकाहरी भोजन बनाकर खाती है । हरितालिका के पूर्व व्रतधारी 4 बजे भोर में सर्गही करती है फिर निर्जला उपवास 24 घण्टे रहती है । हरितालिका तीज व्रत के पूजन के लिए केले के पत्तों से मंडप बनाकर गौरी-शंकर की प्रतिमा मिट्टी की स्थापित की जाती है। इसके साथ पार्वती जी को सुहाग का सारा सामान चढ़ाया जाता है। रात में सभी महिलाएं भजन, कीर्तन करते हुए जागरण कर तीन बार आरती की जाती है और शिव पार्वती विवाह की कथा सुनी जाती है। इस व्रत में इस दिन ‘ॐ पार्वतीपतये नमः मंत्र का अधिक से अधिक जाप करना चाहिये। कोई भी व्रतधारी अगर पानी ,चाय या कोई वस्तु को ग्रहण करती है तो उसका व्रत अधूरी मानी जाती है । क्यो5 यह निर्जला व्रत हरितालिका व्रत रखी गयी है ।ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए माँ पार्वती हरितालिका तीज व्रत की थी । वही मंगलवार को सांध्य में चौथी चाँद के अर्क देने वाली व्रतधारी भी व्रत को करेगी ।

व्रत-त्योहार को लेकर शहर और ग्रामीण क्ष्रेत्र के आसपास के बाजारों में रौनक बढ़ गई है। तीज व चौथी चाँद व्रत को लेकर वस्त्रों के बाजार में विभिन्न आकर्षक परिधानों से दुकानें सज गई हैं। वहीं फल फूल पूजा सामग्री भोग के सामान नैवेद्य आदि की दुकानों में भी रौनक बढ़ गई है। बाजार में महिलाओं की समानों के खरीदारी के लिए काफी भीड़ उमड़ रही है।

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