न्यूज4बिहार :एलएनएमयू के लोक सूचना पदाधिकारी आरटीआई के जवाब देने में करती है फर्जीवाड़ा छात्र नेताओं ने दी चेतावनी कहा संतोषजनक जवाब नहीं मिलने से न्यायालय का रुख करेंगे तथा एक ही पदाधिकारी का सूचना देने में विश्वविद्यालय फर्जीवाड़ा कर रहा है।आरटीआई से जवाब मांगने के बाद एक भी जवाब सही नहीं देते हैं तथा सभी आरटीआई को अवैध बताकर फर्जी रिपोर्ट तैयार कर आरटीआई लगाने वाले व्यक्तियों को दे दिया जाता है। एमएसयू के विश्वविद्यालय प्रभारी जय प्रकाश झा ने कहा कि यह विश्वविद्यालय में जितने भी पदाधिकारी हैं सभी भ्रष्ट हैं और लोक सूचना पदाधिकारी महोदया भी बहुत बड़े भ्रष्ट पदाधिकारियों में से एक हैं।
दर्जनों आरटीआई का जवाब इनके द्वारा एक आवेदन जैसे लिखकर दे दिया गया है जोकी सही नहीं है।हिंदी विभाग के प्रोफेसर आनंद प्रकाश गुप्ता पर हमने कई आरटीआई लगाए है जिसका प्रश्न एक ही है लेकिन जवाब अलग-अलग तरीके से घुमा फिरा कर दिया जा रहा है जो की संतोष जनक नही है।
यदि अभिलंब मेरे आरटीआई का जवाब संतुष्ट जनक नहीं दिया जाता है तो 15 अगस्त के बाद न्यायालय में मामला दर्ज करवाकर लोक सूचना पदाधिकारी को बर्खास्त करवाने का मांग करेगें।
वही जेपी ने कहा कि हाल फिलहाल में है विश्वविद्यालय से 80 लाख का लोहा चोरी कर बेच लिया गया जिसका लिखित शिकायत हमने विश्वविद्यालय थाना में किया परंतु थाना प्रभारी के भी संलिप्त रहने के कारण मामला दर्ज नहीं किया गया जिसके बाद हमने पुनः आरटीआई अभी लगाया है जिसका एक महीना होने को है लेकिन लोक सूचना पदाधिकारी महोदय द्वारा उसका भी जवाब नहीं दिया जा रहा है और 8000000 के लोहा चोरी करने का भी मामला को लोक सूचना पदाधिकारी द्वारा खानापूर्ति करने पर लगे हुए हैं तथा मामले को दबाने का पुरजोर प्रयास किया जा रहा है यदि अभिलंब 80 लाख के लोहा चोरी करने का विज्ञापन किस अखबार में दिया गया था तथा कौन-कौन लोग उस लोहे का बोली लगाकर लोहा खरीदें उसका सूचना नहीं दिया जाता है तो लोक सूचना पदाधिकारी के ऊपर कार्रवाई करने को लेकर विश्वविद्यालय से लेकर राजभवन तक में जोरदार आंदोलन किया जाएगा जिसका पूर्व जवाबदेही लोक सूचना पदाधिकारी व विश्वविद्यालय के कुलपति की होगी क्योंकि 80 लाख के लोहा चोरी करने वाले को हमारा यूनियन छोड़ने वाला नहीं है इस मामला को लेकर मंगलवार को जिलाधिकारी को भी मिलकर ज्ञापन सौंपेंगे तथा अभिलंब मामला दर्ज कर दोषियों पदाधिकारी पर कार्रवाई करने का आग्रह करेंगे।
क्योंकि हिंदी विभाग के प्रोफेसर आनंद प्रकाश गुप्ता पर हमने लिखित शिकायत उनके द्वारा भ्रष्टाचार करने को लेकर राजभवन को भी दिए हुए थे जिसमें राजभवन ने भी संज्ञान लिया और विश्वविद्यालय को आदेश दिया की मामले की जांच कर इसकी जांच रिपोर्ट शिकायतकर्ता यानी की जय प्रकाश झा को भी दे ।विश्वविद्यालय ने जिस पर आनन-फानन में जांच कर फर्जी रिपोर्ट तैयार कर विश्वविद्यालय प्रभारी जय प्रकाश झा को घर तक भेजा लेकिन विडंबना की बात यह है कि इस आवेदन में रजिस्टर महोदय का नाही सिग्नेचर है और ना ही मोहर है जिससे साफ साबित होता है कि हिंदी विभाग के प्रोफेसर आनंद प्रकाश गुप्ता को बचाने को लेकर रजिस्टार पूरा लगे हुए हैं जिसका नतीजा है कि फर्जी रिपोर्ट मुझे भेजा गया है।
इस रिपोर्ट को लेकर भी हम राजभवन को कुलसचिव के द्वारा फर्जी रिपोर्ट तैयार व फर्जी सिग्नेचर कर मामला को दबाने के कारण उन को बर्खास्त करने का मांग करूंगा।
तथा न्यायालय में भी उनके ऊपर केस करूंगा ताकि भविष्य में कोई भी रजिस्ट्रार किसी भी शिकायतकर्ता को फर्जी सिग्नेचर या बिना मोहर का रिपोर्ट ना भेजें ।
