मशरक में चिकित्सक कर रहे हैं दिव्यांगो से ‘मजाक’,नही बन रहा है दिव्यांग प्रमाण पत्र।

कन्हैया कुमार सिंह कि रिपोर्ट सारण

जनाब एक तो भगवान ने हमें वैसे ही आधा पैदा किया है और ऊपर से इस सरकारी अस्पताल में दिव्यांग प्रमाण पत्र नही बनना दिव्यांगो के अधिकारों पर दोहरी मार डाल रहा है। यह कहना है शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मशरक में आए दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए एक 14 वर्षीय दिव्यांग हिमांशु राज पिता संतोष कुमार सिंह का। जो डुमरसन पंचायत के पदुमपुर गांव का रहने वाला है। दिव्यांग की समस्या को स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा नही सुनी गई और दिव्यांग प्रार्थी बैरंग ही घर वापस लौट गया। दिव्यांग प्रमाण पत्र न बन पाने के कारण उनकी पेंशन भी नहीं बन पा रही है। वह पिछले कई माह से अस्पताल के चक्कर काट रहा है। लेकिन उसका दिव्यांग प्रमाण पत्र नहीं बन पाया है। जिसके चलते उसे भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके उसे आर्थिक और मानसिक परेशानी भी हो रही है। मौके पर आर्मी कैंटिन संचालक रंजन कुमार सिंह ने कहा कि यदि स्वास्थ्य विभाग इलाज तो छोड़िए दिव्यांग प्रमाण पत्र भी नही बना सकता है तों लानत है उसके विकास के सिस्टम पर। पूर्व उप प्रमुख साहेब हुसैन उर्फ टुनटुन ने कहा कि यदि एक तो वो पहले से अपाहिज है और ऊपर से चिकित्सकों की मनमानी के चलते उसका दिव्यांग प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है। उन्होंने जिलाधिकारी सारण और सिविल सर्जन से मांग किया कि अभिलंब दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने की व्यवस्था शुरू की जाएं, ताकि वो मानसिक परेशानी से न गुजरें

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