:: यहां अब कोई उद्योग नहीं, कोई रोजगार नहीं तो सब आदमी मजदूर हो गए।
मोतिहारी से संतोष राउत की रिपोर्ट।
न्यूज4बिहार:चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने जन सुराज पदयात्रा के दौरान बिहार के सीएम नीतीश कुमार और पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव पर हमला बोला। प्रशांत ने कहा कि बीते 32 साल में लालू और नीतीश ने मिलकर पूरे बिहार को मजदूर बनाने का फैक्ट्री बना दिया है। प्रशांत किशोर ने ये बात जन सुराज पदयात्रा के दौरान पूर्वी चंपारण में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि देश भर में बिहार सिर्फ मजदूर बनाने का काम करता है, जिस भी राज्य को मजदूरों की आवश्यकता होती है सबसे पहले बिहार याद आता है. वह आगे बोले कि आज बिहार में ऐसा कोई घर नहीं है, जहां से एक भी जवान व्यक्ति घर से बाहर मजदूरी करने ना गया हो और वह भी मात्र 10 हजार से 15 हजार रुपए के लिए। उन्होंने कहा कि नीतीश लालू की वजह से देश में बिहार सिर्फ मजदूर निर्माण करने की फैक्ट्री बन गया है। किसी के खेतों में कटाई का काम हो तो कहते हैं कि बिहार के जल्दी मजदूर को पकड़कर ले आओ। कहीं फैक्ट्री लग रही होती है तो कहते हैं कि बिहार के पकड़कर ले आओ। यह बिहार की दुर्दशा है। पीके ने हमला बोलते हुए कहा कि लालू और नीतीश ने समाजवाद के नाम पर, सामाजिक न्याय के नाम पर यहां गरीबी का बंटवारा किया और सबको अशिक्षित बना दिया। शिक्षा व्यवस्ता ध्वस्त तो सब आदमी अनपढ़ हो गया। प्रशांत किशोर ने कहा कि यहां अब कोई उद्योग नहीं, कोई रोजगार नहीं तो सब आदमी मजदूर हो गए। ये नीतीश और लालू का मॉडल है। प्रशांत किशोर ने ये भी कहा कि बिहार कभी आलू और बालू से आगे निकला ही नहीं और तीसरा नाम मैं लेना नहीं चाहता। बिहार के नेताओं पर हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि यहां पर लोगों ने एक परिपाटी बना दी है कि जो कुर्ते पर गंजी पहन लेगा उसी को जमीनी नेता मान लेंगे। लेकिन मैं आपको ये बताना चाहता हूं कि कैसे गरीबी दूर कर सकते हैं, आप में वो क्षमता है, बजाए इसके कि मैं आ कर कहूं कि मैं गरीबी दूर कर दूंगा। किसानों पर बोलते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर बिहार का एक तिहाई किसान सब्जी उगाने लगे तो बिहार पूरे देश को सब्जी आपूर्ति कर सकता है, वह बोले कि कोल्डस्टोरेज को हम केवल आलू रखने का घर समझते हैं, कोल्डस्टोरेज में हम सब्जी, फल सब रख सकते हैं, क्योंकि हमने आलू से आगे कभी देख ही नहीं, आलू और बालू से आगे बिहार निकला ही नहीं, तीसरा नाम मैं लेना नहीं चाहता हूं।