नियम एक तो शुल्क में अंतर कैसे ‌‌‌‌‌‌‌‌‌?:सरकारी स्कूलों में अलग-अलग वसूले जा रहे इंटर में नामांकन शुल्क

न्यूज4बिहार/सारण: मशरक प्रखंड क्षेत्र के अलग-अलग सरकारी उच्च विद्यालयों में प्रधानाध्यापक विद्यार्थियों से इंटर में अलग अलग नामांकन शुल्क वसूल रहे हैं। अभी स्कूलों में नामांकन चल रहा है। इंटर कक्षा में नामांकन के लिए सरकारी उच्च विद्यालयों में अगल अलग शुल्क लिए जा रहे हैं। एक ओर अपर मुख्य सचिव के के पाठक लगातार सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए प्रयास कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर मशरक प्रखंड के अरना पंचायत के उच्च माध्यमिक सह उत्क्रमित मध्य विद्यालय छपिया छाप में प्रधानाध्यापक के द्वारा इंटर में नामांकन के लिए विद्यार्थियों से मानमाना शुल्क लिया जा रहा है।यदि नियम एक तो शुल्क में अंतर कैसा? शिक्षा विभाग की मानें तो शुल्क में थोड़ा अंतर हो सकता है, लेकिन ज्यादा का अंतर नहीं होना चाहिए। राजद नेता मुन्ना राय ने बताया कि उनके यहां आस पास के छात्र-छात्राओं ने इंटर में नामांकन के लिए प्रधानाध्यापक के द्वारा सरकार द्वारा तय राशी से ज्यादा राशि मांगने की शिकायत दर्ज कराई जिसमें उनके द्वारा जब विधालय के प्रधानाध्यापक से जब इंटर साइंस में नामांकन के लिए फीस के बारे में पूछा तों उन्होंने बताया कि तीन हजार देने होंगे वही दूसरी बार भी 1500 रूपये देने की बात बताई। वही उन्होंने बताया कि स्कूलों में जो राशि ली जा रही है, उसमें सरकारी राशि से बड़ी राशि का अंतर है। वही आपकों बता दें कि लगभग-लगभग सभी स्कूलों में 1500 से 2000 रुपये लिए जा रहे हैं। जबकि विभाग के तरफ से इंटर साइंस में 1200 और दूसरे सत्र में 1110 रुपये लेने का आदेश आया है।वही प्रधानाध्यापक के द्वारा नियम कायदों को ताख पर रख सरकारी स्कूल अपने बनाए नियमों पर चला रहे है। मामले में प्रधानाध्यापक अभय किशोर सिंह ने बताया कि उनके द्वारा दो सेशन का नामांकन शुल्क बताया गया था वही जो आरोप उन पर लगाया गया है वह बेबुनियाद है।

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